आदिवासी की जमीन कैसे खरीदें

आदिवासी की जमीन कैसे खरीदें? जानें पूरी प्रक्रिया

अगर आप किसी आदिवासी व्यक्ति की जमीन क़ानूनी रूप से अपने नाम करना चाहते हैं तो इस पोस्ट में यहाँ हम आपको आदिवासी की जमीन कैसे खरीदें? क्या है सही प्रक्रिया पूरी जानकारी देंगे।

आदिवासी की जमीन कैसे खरीदें

जमीन की गिनती अचल संपत्ति में होती है, यही वजह है कि व्यक्ति किसी न किसी प्रकार से जमीन खरीदना चाहता है। हमारे देश में अधिकतर लोगों को जमीन में इन्वेस्टमेंट करना एक फायदे का सौदा लगता है, क्योंकि जमीन की कीमत में वृद्धि होती है। यही वजह है कि आज जो जमीन आप 1 लाख में लेते हैं 10 साल बाद उसी जमीन की कीमत 1000000 तक भी पहुंच जाती है। इसके अलावा कभी-कभी अगर आपके द्वारा खरीदी गई जमीन पर कोई गवर्नमेंट काम होने लगता है, तो आपको अपनी जमीन का 3 गुना मुआवजा भी मिलता है।

आदिवासी की जमीन कैसे खरीदें? जानें किन राज्यों में है पाबंदी

सबसे पहले तो हम आपकी जानकारी के लिए यहां पर यह बता दें कि अगर आप मध्यप्रदेश राज्य के निवासी हैं और आप किसी आदिवासी की जमीन खरीदना चाहते हैं, तो आप ऐसा नहीं कर सकते हैं क्योंकि मध्य प्रदेश राज्य में ऐसा कानून है कि कोई भी व्यक्ति आदिवासी की जमीन नहीं खरीद सकता।

यह कानून इसलिए बनाया है ताकि कोई भी जोर जबरदस्ती से या फिर किसी भी प्रकार का दबाव देकर के आदिवासी की जमीन अपने नाम ना करवा ले। आइए आपको बताते हैं कि आदिवासी की जमीन खरीदने का हमारे भारत देश में क्या प्रावधान है।

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आदिवासी की जमीन खरीदने के लिए क्या करें?

अगर आप गैर आदिवासी हैं, तो आप इंडिया में किसी भी आदिवासी की जमीन नहीं खरीद सकते। इसके पीछे भू राजस्व के अंतर्गत बनाए गए कुछ कानून जिम्मेदार माने जाते हैं। बता दे कि साल 1974 में आदिवासियों के लिए जमीन से संबंधित एक कानून बनाया गया था जिसके अंतर्गत कोई भी व्यक्ति आदिवासियों की जमीन नहीं खरीद सकता।

साल 1974 में बने हुए इस कानून को इंडिया के सारे राज्यों ने लागू किया है, जिसके अंतर्गत आदिवासियों को यह अधिकार प्राप्त है कि वह अपनी जमीन किसी भी गैर आदिवासी को नहीं बेच सकते हैं।

अगर कोई आदिवासी अपनी जमीन बेचना चाहता है तो उसकी जमीन कोई आदिवासी समुदाय का व्यक्ति ही खरीद सकता है ना की किसी अन्य समुदाय का व्यक्ति, परंतु यहां पर यह भी सवाल पैदा होता है कि अगर किसी व्यक्ति को आदिवासी की जमीन खरीदनी हो तो वह उस व्यक्ति की जमीन कैसे खरीदेगा तो बता दें कि किसी गैर आदिवासी को अगर आदिवासी की जमीन खरीदनी है तो इसके लिए उसे सबसे पहले जिला कलेक्टर से परमिशन लेनी होगी और परमिशन प्राप्त हो जाने के बाद उसे आदिवासी से उसकी जमीन को दान करवाना पड़ेगा, उसके बाद ही वह उस जमीन को अपने नाम पर ले सकता है।

हालांकि हम आपको यहां पर स्पष्ट तौर पर यह कह देना चाहते हैं कि आप सीधे किसी भी आदिवासी से जमीन की खरीदी या फिर बिक्री नहीं कर सकते हैं। अगर आदिवासी व्यक्ति चाहे तो अपने किसी खास गुरु या फिर अपने किसी खास गैर आदिवासी मित्र को अपनी जमीन देना चाहता है तो वह दानपात्र के जरिए जिला कलेक्टर से परमिशन ले करके उसे दानपात्र में लिखवा करके अपनी जमीन को दान कर सकता है।

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आदिवासी की जमीन खरीदने के लिए दस्तावेज-

पहली बात तो हम आपको यह बता दे कि आदिवासी की जमीन खरीदना काफी मुश्किल है। इसके पीछे वजह यह है कि गवर्नमेंट ने कुछ ऐसे नियम बनाए हैं ताकि आदिवासी की जमीन कोई भी व्यक्ति जोर जबरदस्ती से ना खरीद सके क्योंकि आदिवासी अधिकतर अनपढ़ ही होते हैं।

ऐसे में पढ़े लिखे ना होने के कारण कोई भी व्यक्ति उन्हें मूर्ख बना करके या फिर दबाव देकर के उनकी जमीन लिखवा लेता है। इसलिए गवर्नमेंट ने यह नियम बनाया है फिर भी अगर किसी भी प्रकार से अगर आपको आदिवासी की जमीन खरीदने का मौका मिलता है तो आपको नीचे दिए गए दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।

  • आधार कार्ड की फोटो कॉपी
  • पैन कार्ड की फोटो कॉपी
  •  मोबाइल नंबर
  •  ऐड्रेस प्रूफ
  •  पहचान प्रमाण पत्र
  •  जाति सर्टिफिकेट

FAQ: आदिवासी जमीन 

Q: आदिवासी किसे कहते हैं?

ANS: अनुसूचित जनजाति

Q: आदिवासी की जमीन खरीदने के नियम क्या है?

ANS: हर राज्य में इसके नियम अलग-अलग हैं।

Q: क्या हम आसानी से आदिवासी की जमीन खरीद सकते हैं?

ANS: नहीं

Q: आदिवासी अपनी जमीन किसे आसानी से बेच सकता है?

ANS: आदिवासी को ही

निष्कर्ष 

तो साथियों इस पोस्ट के अध्ययन के पश्चात आपको आदिवासी की जमीन कैसे खरीदें? पर्याप्त जानकारी मिल गई होगी, आपको यह पोस्ट पसंद आया है तो कृपया इसे सोशल मीडिया पर जरुर सांझा करें!

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